नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि लेखक सआदत हसन मंटो की बायोपिक में मुख्य भूमिका निभाने से उन्हें यह सीख मिली है कि किसी के बारे में कभी भी कोई राय नहीं बनानी चाहिए. अभिनेता का कहना है कि मंटो का किरदार अदा करने के बाद लेखक का एक हिस्सा उनके भीतर अब भी जिंदा है और उन्होंने इस फिल्म से किसी के बारे में राय नहीं बनाना सीखा है.
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सिद्दीकी का मानना है कि जब भी कोई अभिनेता किसी का किरदार अदा करता है तो उस पात्र के जीवन का कुछ हिस्सा अभिनेता के साथ जुड़ जाता है और अभिनेता का कुछ हिस्सा समाप्त हो जाता है.
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अभिनेता ने कहा, ' मेरा मानना है कि अभिनेता को पानी की तरह होना चाहिए. उसे जिस भी पात्र के सांचे में ढाला जाए, उसे वैसा ही बन जाना चाहिए...मैंने मंटो से किसी के बारे में भी राय नहीं बनाना सीखा.'
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